Saturday, September 5, 2009

अतीत के रंगीन पन्ने

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री मरहूम बेनजीर भुट्ठों एक बार फिर सुर्खियों में हैं। क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने इमरान खान के जीवनीकार क्रिस्टोफर सैंडफोर्ड ने यह दावा करके कि इमरान और बेनजीर के बीच प्रेम प्रसंग था बेनजीर की मौत के बाद उन पर कीचड़ उछाला है।पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की नेता बेनजीर भुट्टो और अपने समय के मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी इमरान खान दोनों पाकिस्तान में अपनी सियासी पहलकदमियों से हमेशा चर्चा में रहे। इन दिनों दोनों नाम एक बार फिर पाकिस्तान में चर्चा का विषय बने हुए हैं। लेकिन इस बार यह चर्चा निजी जिंदगी की कुछ खास बातों के बेपर्दा होने के कारण हो रही है। हाल ही में प्रकाशित इमरान खान की एक नई जीवनी के लेखक ने दावा किया है कि क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने खान के पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री मरहूम बेनजीर भुट्टो से बेहद करीबी रिश्ते थे। जिन दिनों वे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे उस समय दोनों के बीच रोमांस था।
इमरान खान के जीवनीकार क्रिस्टोफर सैंडफोर्ड ने लिखा है कि भुट्टो इमरान खान की दीवानी थी। दोनों में इतने करीबी संबंध थे कि उनके बीच यौन संबंध की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। सैंडफोर्ड ने अपनी किताब में लिखा है कि इमरान खान के द्घरवालों ने उनकी, भुट्टो के साथ शादी करने की भरपूर कोशिश की पर कुछ कारणों से ऐसा मुमकिन नहीं हो सका। पाकिस्तान के इन दो बड़े सितारों के बीच ऐसा माना जाता रहा है कि हमेशा मतभेद रहे। ये मतभेद राजनीतिक और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर रहे हैं। राजनीति में तो इमरान खान बेनजीर भुट्टो के द्घोर विरोधी रहे। इस सबके बावजूद सैंडफोर्ड ने दावा किया है कि उन्हें खान की जीवनी लिखने के सिलसिले में एक सूत्र से जानकारी मिली कि वर्ष १९७५ में २१ वर्षीय बेनजीर भुट्टो लेडी मार्गरेटहॉल में राजनीतिशास्त्र की छात्रा थीं और इसी दौरान वो खान की ओर आकर्षित हुई थी। गौरतलब है कि सैंडफोर्ड ने इमरान खान की जीवनी लिखने के लिए जरूरी जानकारी जुटाने के लिए न सिर्फ इमरान खान की पूर्व पत्नी जेसिमा बल्कि कई और लोगों से मुलाकात की है। इस किताब में यह बतलाया गया है कि बेनजीर इमरान से प्रभावित थीं और संभवतः उन्होंने ही इमरान को पहली बार शेर-ए-पंजाब कहा था। एक अखबार ने साक्षात्कार के हवाले से लिखा है कि यह बात साफ है कि एक या दो महीने तक यह जोड़ा काफी नजदीक रहा। जब भी वे किसी सार्वजनिक जगह पर होते थे तो हंसते-शर्माते दिखते थे। हालांकि इमरान खान ने अपनी इस जीवनी को अनधिकृत करार देते हुए कहा है कि उनके भुट्टो से कभी यौन संबंध नहीं रहे। उन्होंने ये भी बताया कि उन्होंने सैंडफोर्ड को साक्षात्कार जरूर दिया था, मगर बेनजीर से उनके करीबी रिश्तों और दोनों की शादी की कोशिश की बात लेखक की सिर्फ कोरी कल्पना है।
इस बीच पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने अपनी पूर्व अध्यक्ष बेनजीर भुट्टो और क्रिकेटर इमरान खान के बीच प्रेम संबंध के बारे में सैंडफोर्ड के दावे को विक्षोभकारी और दुर्भावनापूर्ण करार देते हुए खारिज कर दिया है। ब्रिटेन में पाकिस्तान के उच्चायुक्त वाजिद शम्सुल हसन ने एक बयान जारी कर कहा है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने के दौरान बेनजीर भुट्टो का इमरान खान के साथ कोई लेना-देना नहीं था। हसन पिछले कई वर्षों से भुट्टो परिवार से जुड़े रहे हैं और उन्होंने इन दावों को निराधार बताया है। १९६० से भुट्टो परिवार से जुड़े वाजिद हसन ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के कभी किसी के साथ प्रेम संबंध नहीं रहे और आसिफ अली जरदारी से उनकी शादी दोनों परिवारों की रजामंदी से हुई थी। उनका मानना है कि यह कुछ और नहीं, बल्कि इमरान को लोकप्रिय बनाने का सस्ता तरीका है।
पच्चीस नवम्बर १९५२ को जन्मे इमरान खान ने लगभग दो दशकों तक क्रिकेट की दुनिया पर राज किया। नब्बे के दशक में उन्होंने राजनीति में कदम रखा। अप्रैल १९९६ में इमरान खान ने तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी गठित की। १६ मई १९९५ को इमरान ने जेसिमा गोल्डस्मिथ से विवाह रचाया। जेसिमा ने बाद में इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। लेकिन यह शादी स्थायी साबित नहीं हुई। २२ जून २००४ को इमरान ने जेसिमा से तलाक ले लिया जिसका कारण जेसिमा का पाकिस्तान में नहीं रहना बताया गया। इमरान खान को किक्रेट और राजनीति के अलावा समाजसेवा के लिए भी जाना जाता है। इमरान के प्रेम प्रसंग भी काफी चर्चा का विषय रहे। लंदन में लेडी लिजा कैम्पबेल और कलाकार एम्मा साजेंट के साथ रोमांस को लेकर बदनामी मिली। इमरान खान देश के अन्दर एक हल्के राजनीतिज्ञ और बाहर सेलिब्रिटी रहे। पाकिस्तान के अखबार इमरान खान को एक बिगाड़ने वाला राजनेता कहते हैैं। यानी इमरान एक बीमार व्यक्ति हैं जो राजनीति में पूरी तरह से विफल हैं। इमरान में राजनीतिक परिपक्वता और भोलेपन की कमी है।

5 comments:

  1. किसी मरहूम पर लिखना उसकी अस्मत से खिलवाड करना है जब कि वह जवाब देने के लिए इस दुनिया में नहीं है!

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  2. हिंदी ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है। आपने यह सामग्री जहां से भी ली है, उसकी सत्यता की जांच जरूर करें। तभी ब्लॉग की गंभीरता बढ़ेगी। मेरे ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है।

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  3. Please follow according to Yousuf Kirmaani. Try to add link inside your post.

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  4. बहुत अच्छे ।

    चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है.......भविष्य के लिये ढेर सारी शुभकामनायें.

    गुलमोहर का फूल

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